दर्शन परिषद् (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) का उद्देश्य निम्नानुसार है-
1. मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में प्रति वर्ष अधिवेशन/संगोष्ठी आयोजित करना एवं विचार-विनिमय हेतु दार्शनिकों तथा दर्शनानुरागियों को मंच प्रदान करना।
2. समाज में नैतिक मूल्यों के उन्नयन एवं नैतिक शिक्षा हेतु वातावरण निर्माण करना।
3. उच्चतर माध्यमिक (हायर सेकेण्डरी) स्तर पर दर्शनशास्त्र/नीतिशास्त्र/तर्कशास्त्र को वैकल्पिक/अनिवार्य रूप से लागू करने हेतु शासन स्तर पर प्रयास करना।
4. दर्शन के क्षेत्र में नवीन, शोधपरक एवं अन्तरानुशासनिक अध्ययन की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना।
5. ज्वलंत सामाजिक एवं धार्मिक कुरीतियों/विषमताओं के प्रति जनसाधारण में जागरुकता के संचार हेतु प्रयास करना।
6. आधुनिकता एवं वैश्वीकरण के परिप्रेक्ष्य में भारतीय संस्कृति की अस्मिता को अक्षुण्ण बनाए रखने की दिशा में व्यापक प्रयास करना।
7. विश्व-शांति।