दर्शन परिषद् (मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़)
दर्शन-परिषद् (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से दर्शन के क्षेत्र में मौलिक चिन्तन को बढ़ावा देने वाली एक संस्था है। अपनी स्थापना काल 1994 ई. से ही यह परिषद् निर्बाध रूप से अपने उद्देश्यों के प्रति अग्रसर है। सम्पूर्ण भारत वर्ष में 'अखिल भारतीय दर्शन परिषद्' 1954 ई. से अद्यावधि हिन्दी भाषा के माध्यम से दार्शनिक चिन्तन को बढ़ावा देने का सराहनीय कार्य कर रही है, परन्तु क्षेत्रीय स्तर पर दर्शन को समृद्ध एवं लोकप्रिय बनाने हेतु दर्शन परिषद् (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) 1994 से ई. अद्यावधि दर्शन के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दे रही है। इस परिषद् में मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त भारत के अन्य राज्यों के दर्शनानुरागियों एवं जिज्ञासुओं द्वारा प्रतिभागी के तौर पर परिषद् में दिनोंदिन जुड़ाव इसके महत्ता एवं गरिमा में वृद्धि कर रहा है, जो परिषद् के अन्तर्राज्यीय उपयोगिता को दर्शाता है। यह परिषद् 'पारमिता' नामक वार्षिक पत्रिका का सम्पादन एवं प्रकाशन भी करती है। परिषद् को आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक सहयोग 'भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली' से प्राप्त होता है। साथ ही जनसामान्य / पार्षदों द्वारा व्याख्यानमालाओं / पुरस्कारों हेतु दी गई स्थाई निधि एवं सदस्यता शुल्क परिषद् के संचालन में महती भूमिका का निर्वहन करते हैं।